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भारत की नई कृषि नीति सन् 1967-68 में लागू की गई, इस नीति के तहत खेतों में अधिक उपज देने वाले बीजों को बोया गया तथा कृषि के लिए नई नई तकनीकों का प्रयोग किया गया, जिसका उद्देश था फसल उत्पादन में तीव्र वृद्धि ऐसा करने से फसल के उत्पादन में तीव्र वृद्धि हुई थी, इसे ही हरित क्रांति कहा जाता है।. इसकी विशेषताएँ निम्न हैं- 1. हरित क्रांति की शुरुआत 1960 के दशक में नॉर्मन बोरलॉग द्वारा की गई थी, जिनकी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण उन्हें “ हरित क्रांति के जनक” के रूप में जाना जाता है। उनके इस योगदान के लिए उन्हें 1970 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, क्योंकि उन्होंने गेहूं की उच्च उपज देने वाली किस्मों (HYVs) को विकसित करने में महत्वपूर्ण कार्य किया था। भा... क्या हरित क्रांति असफल रही? (बीबीसी की हिन्दी सेवा) नॉर्वे में जन्मे और अमेरिका में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ. नॉर्मन बोरलॉग ने बौनी किस्मों के गेहूं के ‘चमत्कारी बीज’ (HYV) का नवाचार किया।.