For example, a plant known as Bryophyllum pinnatum ( patharchatta ), which is rich in medicinal qualities and beneficial in curing the body of numerous ailments, exists. Patharchatta (Bryophyllum pinnatum) is a remarkable Ayurvedic herb with potent medicinal properties. From treating kidney stones and urinary disorders to wound healing and respiratory health, its benefits are extensive. यह पथरी के इलाज के साथ-साथ पेट से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसमें रेचक गुण होते है जिससे यह बवासीर (पाइल्स) की समस्या से राहत प्रदान करता है। इसके अलावा यह त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) का शमन करता है। पथरचट्टा पेट फूलने की समस्या, अल्सर, घावों को ठीक करने और रक्त को शुद्ध करने में भी मदद करता है। किडनी की पथरी और इसी तरह की... पत्थरचट्टा के पत्तों का पारंपरिक रूप से मूत्रकृच्छ ( (Anuria) यानी जब पेशाब रुक जाए, गुर्दे और किडनी की पथरी और कब्ज के इलाज के लिए सेवन किया जाता है. इनमें रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं और इनके गुणों के कारण घावों और त्वचा की जलन को रोकने के लिए इनकी पत्तियां को इस्तेमाल किया जा सकता है.